सचिन तेंदुलकर का जीवनी पढ़िए हिंदी में || SACHIN TENDULKAR BIOGRAPHY || HINDI
नमस्कार दोस्तों आज हम बताएंगे सचिन तेंदुलकर जीवन यानी उनकी बायोग्राफी के बारे में दोस्तों आपको हमारा यह आर्टिकल अच्छा लगा तो नीचे कॉमेंट करना मत भूलिएगा, और ऐसे ही मजेदार किससे और जीवन कथा पढ़ने के लिए सब्सक्राइब कीजिए हमारे वेबसाइट को .
दोस्तों आज आपको बताने जा रहा हूं सचिन तेंदुलकर के जीवनी के बारे में , भारत में क्रिकेट कोई खेल ही नहीं बल्कि धर्म का दर्जा दिया गया है . और उस धर्म में सचिन को भगवान का दर्जा दिया गया है , दोस्तों सचिन ही वह क्रिकेटर है जिसने भारत को एक नई ऊंचाई दी . और क्रिकेट के खेल को घर घर तक पहुंचा दिया , एक समय तो ऐसा था आउट होते ही आधा हिंदुस्तान अपनी TV बंद कर देता था . और क्रिकेट में सचिन को भगवान के दर्जा देना शायद इसलिए भी सही है क्योंकि अगर रिकॉर्ड के बात करें तो सचिन की आस पास कोई भी नहीं भटकता .
सचिन भारत की सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित होने वाले पहले खिलाड़ी है , इसके अलावा राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार से सम्मानित क्या-क्या है . सचिन एक अच्छे खिलाडी होने के साथ-साथ एक अच्छा इंसान भी है , वह हर साल 200 बच्चे का पालन पोषण करते हैं और APNALOY नाम की एक NON GOVERMENT संगठन भी चलाते हैं .
सचिन रमेश तेंदुलकर का जन्म 24 अप्रैल 1973 को राजापुर की एक मिडिल क्लास मराठी फैमिली में हुआ था , उनके पिता का नाम रमेश तेंदुलकर था , जो एक लेखक और प्रोफेसर थे . और उनकी मां का नाम रजनी तेंदुलकर था , जो एक इंसुरेंस कंपनी मैं काम करते थे . यह बहुत कम लोग ही जानते होंगे सचिन तेंदुलकर अपने पीता रमेश तेंदुलकर की दूसरे पत्नी की पुत्र है .रमेश तेंदुलकर की पहली पत्नी से तीन संताने हुई अजीत, नितिन और सविता वह सचिन से बड़े हैं .सचिन तेंदुलकर का नाम उनके पिता रमेश तेंदुलकर ने अपने प्रिय संगीतकार सचिन देव बर्मन के नाम पर रखा था .सचिन का क्रिकेट का शौक बचपन से ही है , बचपन से ही वह शरारती बच्चों में एक था जिसकी वजह से उनके स्कूल में हर रोज क्या कर रहे होते थे सचिन का शरारत कम करने के लिए उनके बड़े भाई अजीत ने उन अकैडमी में जॉइन करने के लिए भेज दिया था . रमाकांत आचरेकर के पास ले गया था , रमाकांत आचरेकर उस समय का जाना माना कोच थे , उनके बड़े भाई अजीत जब रमाकांत के पास ले गए तब सचिन तेंदुलकर ने अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाया तब रमाकांत जी ने बोला वह SELECT नहीं हो सकता उनके बड़े भाई अजीत के जाने पहचाने कोच था इसलिए उनको एक मौका दिया गया था .
एक बार रमाकांत जी और उनके बड़े भाई और जितने एक पैर का पीछे से उनका खेल का प्रदर्शन किया तब रमाकांत जी ने रेखा की सचिन बहुत अच्छा मैच खेले जब उनको पता चला सचिन उनके सामने खेलने में उत्साहित महसूस कर रहे थे . दोस्तों यह हमारा सचिन तेंदुलकर के जीवन के बारे में पहला अध्याय है .
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